ambikapur news : मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय निजी एंबुलेंस के दलालों की घुसपैठ और गरीब मरीज शोषण से मुक्त नहीं हो पा रहे हैं। चिकित्सालय के बाहर मुख्य मार्ग के फुटपाथ पर कब्जा करते हुए निजी एंबुलेंस की कतार लगी रहती है। जिसके चलते मरीजों को लेकर आ रही संजीवनी, महतारी एक्सप्रेस का भी मार्ग बाधित होता है वहीं मार्ग में बेवजह वाहनों की धमाचौकड़ी होने के चलते जाम और दुर्घटना की भी स्थिति बनी रहती है। विधानसभा चुनाव के पूर्व कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय का निरीक्षण करते हुए मुख्य मार्ग पर लगे निजी एंबुलेंस और ठेले खोमचों को हटाने के निर्देश दिए थे, मगर इसका पालन न तो निगम प्रशासन ने कराया और न ही पुलिस द्वारा ही कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है।
मरीज के रेफर होते ही पहुंच जाते हैं दलालः
मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के सामने खड़े रहने वाले निजी एंबुलेंस के दलाल चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों में बेरोकटोक घूमते रहते हैं। चिकित्सक द्वारा किसी मरीज को रेफर किए जाने पर यह जानकारी मरीज से पहले निजी एंबुलेंस के दलाल को मिल जाती है। इसके बाद दलाल सीधे मरीज के पास पहुंचते हैं और ब्रेनवॉश कर मनमाने दर पर रायपुर ले जाने राजी कर लेते हैं। आर्थिक परेशानी के चलते कई मरीज जब असमर्थता जताते हैं और संजीवनी एक्सप्रेस से जाने की बात कहते हैं तो उन्हें एक-दो हजार कम दे देना कह रायपुर के बजाय बिलासपुर में ही निजी अस्पताल के सामने छोड़ वापस लौट
जाते हैं।
Ambikapur news : अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से चल रहा खेल
मेडिकल कॉलेज में निजी एंबुलेंस के दलालों की घुसपैठ और सक्रियता के पीछे प्रबंधन की खुली छूट और कर्मचारियों की मिलीभगत को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। विभिन्न वार्डों में पदस्थ कतिपय स्टाफ नर्स, वार्डबॉय के द्वारा निजी एंबुलेंस वालों को रेफर मरीजों की जानकारी दी जाती है। कई बार संजीवनी एक्सप्रेस से मेडिकल कॉलेज पहुंचने वाले मरीजों को निजी एंबलेंस के चालक मेडिकल कॉलेज में बेहतर उपचार नहीं होने का झांसा दे अस्पताल के बाहर से ही निजी अस्पताल ले जाते हैं।
बार-बार घटनाओं के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
मेडिकल कॉलेज के गरीब मरीजों के साथ निजी एंबुलेंस चालकों के द्वारा लूटखसोट किए जाने की घटनाएं आए दिन हो रही है। अखबारों में भी नियमित रूप से इस तरह की खबरें प्रकाश में आ रही हैं। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन निजी एंबुलेंस के दलालों पर रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठा पा रहा है। जिससे अब अस्पताल प्रबंधन पर भी इन गोरखधंधों के लिए मिलीभगत का आरोप लगने लगा है।
अस्पताल का गेट भी हो रहा बाधित

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो प्रवेश द्वार हैं। चिकित्सालय के बाहर मुख्य मार्ग के फुटपाथ के एमसीएच की ओर निजी एंबुलेंस तो मुख्य ओपीडी की ओर ठेले खोमचों और फुटपाथियों का कब्जा रहता है। दोनों ओर के फुटपाथ में कब्जा होने से मार्ग संकीर्ण हो रही है। मुख्य मार्ग भी बार-बार बाधित होने से मरीज लेकर आ रही एंबुलेंस भी फंस रही है। एमसीएच की ओर से मुख्य ओपीडी की ओर जाने वाले मरीज और उनके परिजनों के साथ हादसे का भी खतरा बना रहता है।